गणित में बेईमान व्यापारी की अवधारणा (Concept of Dishonest Trader in Maths)

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गणित में बेईमान व्यापारी की अवधारणा (Concept of Dishonest Trader in Maths)

Overview

इस लेख में हम क्वांटिटेटिव एप्टीटुड (गणित) के एक महत्त्वपूर्ण अध्याय के बारे में जानेंगे - Concept of Dishonest Trader, in Hindi

नोट

इस अध्याय से सम्बंधित, अन्य विषयों के बारे में जानने के लिए आप हमारे निम्नलिखित लेख पढ़ सकते हैं:

यदि कोई बेईमान व्यापारी अपने माल को लागत मूल्य पर बेचने का दावा करता है, लेकिन गलत वजन का उपयोग करता है, तो:

लाभ प्रतिशत = (सहीवजन−गलतवजन)(गलतवजन)\frac{(सही \hspace{1ex} वजन − गलत \hspace{1ex} वजन)}{(गलत \hspace{1ex} वजन)} × 100%

या

लाभ प्रतिशत = Error(TruevalueError)\frac{Error}{(True \hspace{1ex} value − Error)} × 100% 

नोट

यदि उपरोक्त सूत्र ऋणात्मक मान देता है, तो इसका अर्थ है कि हानि हुई है।

  • गुणन कारक (Multiplying factor) के संदर्भ में:

धोखाधड़ी के कारण गुणन कारक = दिखाईगयीमात्राअसलमेंबेचीगयीमात्रा\frac{दिखाई \hspace{1ex} गयी \hspace{1ex} मात्रा}{असल \hspace{1ex} में \hspace{1ex} बेची \hspace{1ex} गयी \hspace{1ex} मात्रा}

(दिखाई गयी मात्रा = वजन पैमाने पर जो मान प्रदर्शित होता है)

व्याख्या :

व्याख्या 1: पारंपरिक विधि

मान लें, कि 1000 रुपये में उस चीज़ की 1 किलो मात्रा खरीदी गयी है।

दुकानदार ने वस्तु को क्रय मूल्य पर बेच दिया। लेकिन चूंकि उसने केवल 900 ग्राम बेचा, इसलिए जो 100 ग्राम उसने बचाया वह उसका लाभ होगा।

तो, C.P. = रु. 900 और S.P. = रु. 1000

लाभ = S.P. - C.P. = 1000 - 900 = रु. 100

तो, लाभ प्रतिशत = (लाभ / C.P.) × 100 = (100 / 900) × 100 = (1 / 9) × 100 = 11.11%


यदि एक बेईमान व्यापारी अपने माल को x% लाभ या हानि पर बेचता है, और y% कम वजन का उपयोग करता है, तो उसका लाभ प्रतिशत या हानि प्रतिशत निम्नलिखित होगा:

(𝑦±𝑥)(100𝑦)\frac{(𝑦±𝑥)}{(100−𝑦)} × 100%

(यदि सामान x% लाभ पर बेचा जाता है तो + चिह्न का प्रयोग करें, और यदि वे x% हानि पर बेचा जाता है तो - चिह्न लगाएं।)

यदि एक बेईमान व्यापारी r इकाइयों के बजाय w इकाइयों के दोषपूर्ण वजन का उपयोग करता है, और p% का लाभ कमाने का दावा करता है, तो:

वास्तविक कुल लाभ प्रतिशत = 100(rw)+rpw\frac{100 (r - w) + rp}{w}

(यदि व्यापारी हानि होने का दावा करता है, तो हम p के लिए - चिह्न का उपयोग करेंगे)

नोट

यदि उपरोक्त सूत्र में ऋणात्मक मान आता है, तो इसका अर्थ है कि हानि हुई है।

व्याख्या :

व्याख्या 1: पारंपरिक विधि

मान लें, कि 1000 रुपये में उस चीज़ की 1 किलो मात्रा खरीदी गयी है।

लेकिन चूँकि उसने केवल 800 ग्राम बेचा था, इसलिए उसने जो 200 ग्राम बचाया वह उसका लाभ होगा।

तो, C.P. = रु. 800, और S.P. = रु. 1000

लाभ = S.P. - C.P. = 1000 - 800 = रु. 200

तो, लाभ प्रतिशत = (लाभ / C.P.) × 100 = (200/800) × 100 = (1/4) × 100 = 25%

अभीष्ट लाभ प्रतिशत = 25 + 25 + (25 × 25)/100 = 50 + 6.25 = 56.25% (यहाँ हमने क्रमिक-प्रतिशत का सूत्र ही प्रयोग किया है)


नोट

इस लेख में चर्चा किए गए दृष्टिकोण और अवधारणाएं, केवल दोषपूर्ण वजन से सम्बंधित समस्याओं तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि ऐसी किसी भी समस्या पर लागू की जा सकती हैं, जहां बेची गई असल मात्रा और जिस मात्रा के लिए शुल्क लिया गया है, वो अलग-अलग हैं।

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