कैलेंडर की मूल अवधारणाएं (Basics of Calendar)

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कैलेंडर की मूल अवधारणाएं (Basics of Calendar)

Overview

इस लेख में हम रीजनिंग के एक महत्त्वपूर्ण अध्याय के बारे में जानेंगे - Basics of Calendar, in Hindi

नोट

कैलेंडर से सम्बंधित और लेख आप यहाँ पढ़ सकते हैं :

कैलेंडर दिन, सप्ताह और महीने की एक व्यवस्था है।

ग्रेगोरियन कैलेंडर (Gregorian calendar) दुनिया का सबसे लोकप्रिय कैलेंडर है। यह भारतीय राष्ट्रीय कैलेंडर भी है।

माना जाता है कि हर दिन की शुरुआत आधी रात से होती है।

नोट

1 जनवरी 0001 सोमवार था।

  • दिन
    हर 24 घंटे में एक दिन बनता है। यह कैलेंडर की सबसे छोटी इकाई है।
    एक दिन सप्ताह का सातवाँ भाग होता है।

  • सप्ताह
    यह 7 दिनों का समूह है: रविवार, सोमवार, मंगलवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार, शनिवार

नोट

कल = आज – 1 दिन

कल = आज + 1 दिन

कल से पहले का दिन = आज – 2 दिन

परसों = आज + 2 दिन

(a) गुरुवार (b) बुधवार (c) शनिवार (d) शुक्रवार 

व्याख्या:

आज = रविवार
कल = रविवार + 1 = सोमवार
कल के 3 दिन बाद = सोमवार + 3 दिन = गुरुवार
उत्तर: (a)

(a) आज के 3 दिन बाद (b) कल (c) आज (d) परसों

व्याख्या:

आज - 2 = बुधवार
या आज = ​​बुधवार + 2 = शुक्रवार
इसलिए, परसों होगा, आज + 2 = शुक्रवार + 2 = रविवार
उत्तर: (d)

  • माह
    एक महीना साल का 12वां हिस्सा होता है। इसमें 28, 29, 30 या 31 दिन होते हैं।
    साल में 12 महीने होते हैं।
    calendar

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  • वर्ष
    यह पृथ्वी द्वारा सूर्य के चारों ओर एक चक्कर लगाने में लगने वाला समय है। एक साल में 12 महीने होते हैं। एक साल एक सदी का 100वां हिस्सा होता है।

  • सदी
    100 साल के ब्लॉक को सदी कहा जाता है।
    सदी के वर्षों के उदाहरण: 1100, 1800, 2000, 2100, 2900 आदि।

  • कैलेंडर दोहराव
  • किसी विशेष तिथि पर दिन ढूँढना (आमतौर पर, इस प्रयोजन हेतु एक संदर्भ दिन दिया जाता है)




एक साधारण वर्ष एक ऐसा वर्ष होता है जिसमें 365 दिन (52 सप्ताह + 1 विषम दिन) होते हैं।

ऐसे वर्ष 4 से विभाज्य नहीं होते हैं, जैसे की 2001, 2002, 2003, 2005, 2006, 2007, 2009, 2010 और 2011, आदि।

अगर शताब्दी वर्षों की बात की जाये, तो शताब्दी साधारण वर्ष 400 से पूर्णतः विभाज्य नहीं होते हैं, जैसे की 100, 200, 500, 600, 700 और 900 आदि।

  • एक सामान्य वर्ष में, वर्ष के पहले और अंतिम दिन समान होते हैं जैसे, एक सामान्य वर्ष में, यदि 1 जनवरी को सोमवार पड़ता है, तो 31 दिसंबर को भी सोमवार ही होगा।

  • किन्हीं दो क्रमागत साधारण वर्षों में, अगले वर्ष की तिथि पिछले वर्ष की उसी तिथि से एक दिन आगे होगी| उदाहरण के लिए, यदि 2 अगस्त 2010 को मंगलवार है, तो 2 अगस्त 2011 को बुधवार होगा।

अधिवर्ष वह वर्ष होता है जिसमें 366 दिन (52 सप्ताह + 2 दिन) होते हैं।

ऐसे वर्ष 4 से पूर्णतः विभाज्य होते हैं, जैसे की 2004, 2008, 2012, 2016, आदि।

अगर शताब्दी वर्षों की बात की जाये, तो शताब्दी अधिवर्ष 400 से पूर्णतः विभाज्य होते हैं, जैसे की 400, 800, 1200, 1600, 2000, 2400 आदि।

नोट

अर्थार्थ, अधिवर्ष एक ऐसा वर्ष है जो 4 या 400 से विभाज्य होता है, लेकिन 100 से विभाज्य नहीं होता है।

  • अधिवर्ष का अंतिम दिन पहले दिन से एक दिन आगे होता है| उदाहरण के लिए, अगर किसी अधिवर्ष में, 1 जनवरी, 2004 को सोमवार पड़ता है, तो 31 दिसंबर, 2004 को मंगलवार होगा।
नोट

निम्नलिखित लगातार पड़ रहे वर्षों पर विचार करें, और पैटर्न को देखें:
1 जनवरी 2015 - गुरुवार
1 जनवरी 2016 - शुक्रवार (2016 एक अधिवर्ष है)
1 जनवरी 2017 - रविवार
1 जनवरी 2018 - सोमवार
1 जनवरी 2019 - मंगलवार
1 जनवरी 2020 - बुधवार (2020 एक अधिवर्ष है)

(a) 2000     (b) 2004    (c) 1996    (d) 1966 

व्याख्या:

किसी भी लीप वर्ष में फरवरी महीने में 29 दिन होते हैं। इसलिए, मूल रूप से यहां हमें यह पता लगाना है कि दिए गए वर्षों में से कौन सा वर्ष लीप वर्ष नहीं है।

एक लीप वर्ष 4 से पूर्णतः विभाज्य होता है। शताब्दी वर्ष के मामले में, केवल 400 से विभाज्य वर्ष लीप वर्ष होते हैं।

दिए गए विकल्पों में से केवल 1966 पूरी तरह से 4 से विभाजित नहीं होता है। इसलिए, यह एक लीप वर्ष नहीं है, और इसके फरवरी में 28 दिन होंगे।

उत्तर: (d)

(a) शुक्रवार (b) रविवार (c) सोमवार (d) मंगलवार 

व्याख्या:

एक गैर-लीप वर्ष में, पहला दिन और आखिरी दिन समान होगा, यानी 1 जनवरी 31 दिसंबर को एक ही दिन पड़ेगा।

इसलिए, यदि पहला दिन शुक्रवार है, तो अंतिम दिन भी शुक्रवार होगा।
उत्तर: (a)

(a) 1992     (b) 2004    (c) 2000    (d) 1996 

व्याख्या:

राम का जन्म लीप ईयर में 29 फरवरी को हुआ था। इसलिए, उन्हें 4 साल में एक बार अपना जन्मदिन मनाने का मौका मिलता है।

यह दिया गया है कि, राम ने 2008 में चौथी बार अपना जन्मदिन मनाया।
तो, 2004 में राम ने तीसरी बार अपना जन्मदिन मनाया होगा।
तो, राम ने 2000 में दूसरी बार अपना जन्मदिन मनाया होगा।
तो, राम ने अपना जन्मदिन पहली बार 1996 में मनाया होगा।

इसलिए उनका जन्म वर्ष 1992 में हुआ था।
उत्तर: (a)




विषम दिनों की अवधारणा सप्ताह की अवधारणा से निकलती है।
सप्ताह की अवधारणा - हर सातवें दिन के बाद दिन दोहराया जाता है।

जैसे की - यदि आज सोमवार है, तो अब से 28वां दिन भी सोमवार होगा क्योंकि यह 7 (28/7 = 4, इसलिए चार सप्ताह) का गुणज है।

जैसे की - यदि आज सोमवार है, तो 30वां दिन = 28 + 2 (4 सप्ताह और 2 दिन), यानी 30/7 शेष 2 देगा।
ये दो दिन विषम दिन हैं। तो, दो विषम दिनों के साथ, 30 वां दिन बुधवार होगा।

नोट

अत: दी गई अवधि में विषम दिनों की संख्या = शेष {अवधि/7}
यानी, जो शेष बचेगा, वह विषम दिनों की संख्या होगी।

एक निश्चित अवधि में पूरे सप्ताह के अलावा अतिरिक्त दिन विषम दिन कहलाते हैं, जैसे:
7 दिनों की अवधि = 7 + 0 अतिरिक्त दिन = 0 विषम दिन
8 दिनों की अवधि = 7 + 1 अतिरिक्त दिन = 1 विषम दिन
9 दिनों की अवधि = 7 + 2 अतिरिक्त दिन = 2 विषम दिन
10 दिनों की अवधि = 7 + 3 अतिरिक्त दिन = 3 विषम दिन
11 दिनों की अवधि = 7 + 4 अतिरिक्त दिन = 4 विषम दिन
12 दिनों की अवधि = 7 + 5 अतिरिक्त दिन = 5 विषम दिन
13 दिनों की अवधि = 7 + 6 अतिरिक्त दिन = 6 विषम दिन
लेकिन 14 दिनों की अवधि = 7 + 7 = 2 पूर्ण सप्ताह = 0 विषम दिन

आरेख:
calendar

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जनवरी + फरवरी + मार्च = 6 या 7 (यानी 0)
अप्रैल + मई + जून = 7 (यानी 0)
जुलाई + अगस्त + सितंबर = 8 (यानी 1)
अक्टूबर + नवंबर + दिसंबर = 8 (यानी 1)

(a) रविवार (b) शुक्रवार (c) गुरुवार (d) शनिवार 

व्याख्या:

प्रत्येक 7 दिनों के बाद मंगलवार को दोहराया जाएगा, इसलिए 70 दिनों के बाद फिर से मंगलवार होगा।
72वें दिन के बाद का दिन, यानी 73वां दिन = 70 + 3, यानी 3 विषम दिन
आवश्यक दिन मंगलवार + 3 = शुक्रवार है।
उत्तर: (b)

एक साधारण वर्ष में दिनों की संख्या = 365 = 364 + 1
एक साधारण वर्ष में विषम दिनों की संख्या = शेष {365/7} = 1 विषम दिन

एक लीप वर्ष में दिनों की संख्या = 366 = 364 + 2
एक लीप वर्ष में विषम दिनों की संख्या = शेष {366/7} = 2 विषम दिन

100 वर्षों में विषम दिनों की संख्या = 76 साधारण वर्ष + 24 लीप वर्ष
= 76 साधारण वर्षों के 76 विषम दिन + (24 × 2) 24 लीप वर्ष के विषम दिन
= 76 विषम दिन + 48 विषम दिन = 124 विषम दिन
= (7 × 17 + 5) विषम दिन = 5 विषम दिन

चेतावनी

ऐसा तब होगा जब 100 वर्षों की गणना में 400 से विभाज्य शताब्दी वर्ष (जैसे 1600, 2000) न हो, वार्ना हमें 1 और विषम दिन जोड़ना होगा।

(a) रविवार (b) मंगलवार (c) सोमवार (d) शनिवार 

व्याख्या:

100 वर्षों में विषम दिनों की संख्या = 5 विषम दिन
परन्तु, यह तभी सही है जब 100 वर्षों की गणना में 400 से विभाज्य शताब्दी वर्ष (जैसे 1600, 2000) न हो, वार्ना हमें 1 और विषम दिन जोड़ना होगा।

यहां हम 1 जनवरी, 1901 से 31 दिसंबर, 2000 तक की गिनती कर रहे हैं। तो, 2000 की भी गिनती हो रही है।

इसलिए, 1 जनवरी, 1901 और 1 जनवरी, 2001 के बीच विषम दिनों की संख्या = 5 + 1 = 6

तो, 1 जनवरी 2001 = मंगलवार + 6 = सोमवार

उत्तर: (c)


200 वर्ष में विषम दिन = (100 वर्ष में विषम दिन) × 2 = 5 × 2 = 10 दिन = 1 सप्ताह + 3 दिन = 3 विषम दिन

चेतावनी

ऐसा तब होगा जब 400 से विभाज्य शताब्दी वर्ष (जैसे 1600, 2000) 200 वर्षों में नहीं गिना जाता है, वार्ना फिर 1 और विषम दिन जोड़ना होगा।

300 वर्षों में विषम दिन = (100 वर्षों में विषम दिन) × 3 = 5 × 3 = 15 दिन = 2 सप्ताह + 1 दिन = 1 विषम दिन

चेतावनी

ऐसा तब होगा जब 300 से विभाज्य शताब्दी वर्ष (जैसे 1600, 2000) 200 वर्षों में नहीं गिना जाता है, वार्ना फिर 1 और विषम दिन जोड़ना होगा।

400 वर्षों में विषम दिन = (100 वर्ष में विषम दिन) × 4 + 1 दिन = (5 × 4 + 1) दिन = 21 दिन = 3 सप्ताह = 0 विषम दिन

नोट

यदि हम किसी भी क्रमागत 400 वर्षों की गणना करते हैं, तो 400 से विभाज्य शताब्दी वर्ष (जैसे 1600, 2000) हमेशा गिना ही जाएगा।



अगर आज सोमवार है, तो क्या आप बता सकते हैं कि अगले साल या पिछले साल उसी तारीख को कौन सा दिन होगा , या था ?

यह आसान है। बस इसे याद रखें:

  • यदि 29 फरवरी लगातार वर्षों की दो दी गई तिथियों के बीच में आती है, तो दोनों तिथियों के बीच 2 विषम दिन होंगे।
  • यदि दो क्रमागत वर्षों की दी गई तिथियों के बीच 29 फरवरी नहीं है, तो उनके बीच केवल 1 विषम दिन होगा।

आइए कुछ उदाहरण देखें:

(a) शुक्रवार (b) गुरुवार (c) सोमवार (d) शनिवार 

व्याख्या:

1992 - लीप ईयर
1993 - गैर-लीप वर्ष

लेकिन हमारी अवधि 6 मार्च 1992 से 6 मार्च 1993 तक है। 29 फरवरी 1992 इस अवधि में नहीं आता है।

अतः, दी गई दो तिथियों के बीच केवल 1 विषम दिन होगा। अत: 6 मार्च 1993, 6 मार्च 1992 से एक दिन आगे होगा।

तो, 6 मार्च 1993 होगा: गुरुवार + 1 = शुक्रवार

उत्तर: (a)


(a) शुक्रवार (b) गुरुवार (c) सोमवार (d) शनिवार 

व्याख्या:

1992 - लीप वर्ष
1993 - गैर-लीप वर्ष

हमारी अवधि 6 जनवरी 1992 से 6 जनवरी 1993 तक है। 29 फरवरी 1992 इसी अवधि में आता है।

अतः, दी गई दो तिथियों के बीच 2 विषम दिन होंगे। अत: 6 जनवरी 1993, 6 जनवरी 1992 से 2 दिन आगे होगा।

तो, 6 जनवरी 1993 होगा: गुरुवार + 2 = शनिवार

उत्तर: (d)


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